कहानी विस्तार से



२४ मई २०१ 201    मूल्यांकन

गाँव के सामूहिक कार्य का सामूहिक रूप से जनभागीदारी से ही बेहतर रूप से सम्पन्न

मूल्यांकन में पानी का अभाव प्रमुख समस्या है। राजस्थान सरकार की जल नीति में भी यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि मूल्यांकन में हर तीसरे साल अकाल पड़ता है। मतलब हर तीसरे साल अकाल पड़ना अवश्यम्भावी है। फिर भी हम हाथ पर हाथ धरे हुए सरकार और प्रशासन की ओर ताकते रहते हैं। कुछ नहीं होता, वही ढाक के तीन पात। अगर गांव के लोग एकजुट हो जाएं, गांव के पानी को बाहर न बह जाने दे, उसे जगह-जगह एकत्रित कर ले तो रेज का हर गांव के पानी की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं। जब तक हम विशेष रूप से पढ़े-लिखे लोग अपनी जबावदेही को नहीं समझेंगे, यह साकर करना मुश्किल है। इसलिए आज हमारे सहयोगी, सामुदायिक खेती जैसी कुछ नई पहलों को भी अपनाने की सख्त जरूरत है।

नवीनतम घटनाओं