पानी को लेकर पूरी दुनिया में बढ़ने वाली मुश्किलों के चलते बेहतर है कि बारिश की एक-एक बूँद को बचाया जाए और हर नागरिक को अपनी इस जिम्मेदारी का अहसास कराया जाए। सदियों से हमारे पूर्वज इस दिशा में काम करते रहे हैं। हाल-फिलहाल में भी इस दिशा में तेजी से काम हुआ है।
इसके अंतर्गत टीम सरकारी योजनाओं (केंद्र /राज्य /नाबार्ड ) की जानकारी लोगों तक पहुंचाने और उनके लाभ लाभार्थियों तक पहुँचाने में सरकारी एजेंसीज का सहयोग करना| स्वयं सहायता समूह , किसान समूह ,महिला मंडल , युवा संगठन एवं चौपाल जैसी संगठनों को स्थापित करके लोगों को नियमित रूप से भाग लेने हेतु प्रेरित करना और गांव के सुधार एवं विकास कार्यों पर परिचर्चा तथा सामूहिक निर्णय लिए प्रेरित करना| शत-प्रतिशत (100%) "वित्तीय समावेशन " सुनिश्चित करना एवं कर्ज वितरण दर को बढ़ाना| वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करके वित्तीय समावेशन के महत्व के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करना तथा क्रेडिट (KCC /GCC/ACC) की मांग को बढ़ावा देना इत्यादि कार्य किए जा रहे हैं|
इसका मूल उद्देश्य गांवों में जन जागरूकता और विकास के प्रति जनचेतना पैदा करना है। यात्रा के दौरान गांव की समस्याओं और संभावनाओं पर विस्तृत प्रतिवेदन गांव वासियों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है; जिस पर विस्तृत विचार विमर्श गांव वासियों और टीम के साथियों द्वारा किया जाता है। यात्रा की बैठकों के दौरान गांव में रहने वाले विभिन्न जाति और धर्मों के लोगों को एक जाजम पर बिठाकर समरसता और सौहार्द का वातावरण तैयार किया जाता है और गांव के विकास में गांववालों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु प्रयास किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा के दौरान सरकारी योजनाओं की समुचित जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचाने, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने, आधुनिक खेती की जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, जुआ-दारू इत्यादि दुर्व्यसन के प्रति जागरूकता पैदा करने, युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देने, बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए प्रोत्साहन करने, बच्चों में मानवीय मूल्यों के समावेश के साथ सामाजिक स्तर में सुधार करने के प्रयास किए जाते हैं।